अब तक आपने पढ़ा–––– उस रात राजवीर की मुलाकात सुषमा से अनायास ही हो जाती है।कॉलेज के दिनों में सुषमा और राजवीर एक दूसरे से प्यार करते थे और यह बात उनके साथ पढ़ने वाली जया को बिल्कुल पसंद नहीं थी। बस जया ने बदला लेने के उद्देश्य से सुषमा को एक भूतिया कमरे में रात भर के लिए बंद […]
भाग्य का खेल(Part–2)
Blog कहानीगतांक से आगे………. सुषमा की शादी के बाद राजवीर बहुत मायूस रहने लगा था। पर जिंदगी तो यहीं पर खत्म नहीं होती है। अपने आप को व्यस्त रखने के लिए वह एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगा। घर के खर्चे चलाने भी जरूरी थे।पिताजी इस दुनिया में नहीं रहे। परिवार में मां और एक छोटी बहन थी। मां कहते– […]
भाग्य का खेल(Part–1)
Blog कहानीरात के सन्नाटे को चीरते हुए सुषमा के कदम बदहवास से बढ़ते ही जा रहे थे। अभी बस कुछ दिन पहले ही तो उसकी शादी हुई थी और आज मेंहदी का रंग भी नहीं छूटा पर ससुराल से भागना पड़ गया उसे। बार-बार पीछे मुड़कर देखती, मानो कोई उसका पीछा कर रहा हो। चेहरे पर डर का साया फैला हुआ […]
जज़्बात
Blog कविताअनकही बातेंमन में है घुमड़तेमेरे जज़्बातकर रहे थे आपस में बातप्लस– माइनस,नफा– नुकसानरहते हैं जिंदगी भर परेशानजो आज हम हैं करतेकल उसी को तो हैं भरतेआते– जाते कहीं पे अटकीतभी एक बूढ़ी औरत को देख ठिठकीठक– ठक करती लाठी उनकीकमर भी थोड़ी झुकी– झुकीएक कदम चलती, दूसरे कदम बैठतीउम्र की ढलान ऐसी ही है होतीपड़ोस के मकान में थी रहतींआते– […]
Lifetime benefites😇😇🤣🤣
Blog कहानीअपने जूनियर चौबे जी बड़े ही खुश लग रहे थे और खुश हो भी क्यों ना🤪 शहर के MLA जो बन गए। अब आप सोच रहे होंगे कि कल तक गली छाप वाले जूनियर चौबे जी आखिर इतनी बड़ी हस्ती कैसे बन गए। किस्सा यह है कि उनके पिता श्री रामलाल चौबे एक सरकारी दफ्तर के वरिष्ठ कर्मचारी थे। पेंशन […]
डरावने सपने(Nightmare)😱😱
Blogहर रात की तरह आज रात भी मानवी नींद में बड़बड़ाती जा रही थी, चले जाओ यहां से, मेरे पास मत आओ,कहतेे– कहते अचानक से उठ बैठी। लंबी– लंबी सांस लेते हुए इधर– उधर देखने लगी। उसके चिल्लाने की आवाज़ सुनकर बगल वाले कमरे से उसकी मां दौड़ते हुए आई तो देखा कि मानवी ठंड के मौसम में भी पसीने […]
सीधा –साधा दिल
Blog कवितासीधा– साधा दिलहो गई है मुश्किलथी जिंदगी उसकी बेपरवाहहर फिक्र को उड़ा रहा था वहपर अचानक क्या हुआएक एहसास दिल के अंदर आयाआते– जाते डगर पेनज़रें पड़ी किसी पेआंखों से आंखें टकराईंदिल की घंटी घनघनाईहर दिन करता था उसका इंतजारदिल ढूंढता था बार– बारना अक्श देखा,ना नाम पूछाबस उसका मुस्कराना लगा अच्छाक्या था,क्या बन गयाख्वाब देखना ही दस्तूर हो गयाउसे […]
Happy New Year
कवितानूतन वर्षसमय का उत्कर्षनई उमंगनई तरंगबढ़ रही है ज़दगी नई तारीख़ के संगनूतन वर्ष अभिनंदनकरते हैं तुहारा नमनआरंभ का अंतया अंत का आरंभनए विचारों का हो रहा है शुभारंभगुजरे साल की यादें मन में समेटेआने वाले साल को चलो खुशियों में लपेटेनूतन वर्ष अभिनंदनकरते हैं तुहारा नमनआने वाला साल गुजरता हैफिर गुजरे साल की शुभ संध्या पे आने वाले साल […]
घूंघट में छिपी मुस्कान
कविताघूंघट में छिपी मुस्कानअधरों में फंसी है सबकी जानवो चंचल चितवनजैसे हिरनी स्वछंद विचरती वन वननैनों की तीक्ष्ण कतारहृदय को भेदे आर पारचरित्र पे ना कोई दागपर उसके दिल में लगी थी आगआखिर कोमलता और भीष्णता का क्या था रहस्य सौम्यता और रुद्रता का मेल था अवश्यसालों पहले की है बातविस्मरण होती नहीं हकीकतगांव की स्वच्छंदता में जी रही थी […]
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