जज़्बात
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नूतन वर्ष
समय का उत्कर्ष
नई उमंग
नई तरंग
बढ़ रही है ज़दगी नई तारीख़ के संग
नूतन वर्ष अभिनंदन
करते हैं तुहारा नमन
आरंभ का अंत
या अंत का आरंभ
नए विचारों का हो रहा है शुभारंभ
गुजरे साल की यादें मन में समेटे
आने वाले साल को चलो खुशियों में लपेटे
नूतन वर्ष अभिनंदन
करते हैं तुहारा नमन
आने वाला साल गुजरता है
फिर गुजरे साल की शुभ संध्या पे आने वाले साल का इंतजार रहता है
बस इसी तरह से समय का चक्र चलता रहता है
क्या कहूं,क्या लिखूं
बस चाहत है नए साल की नई सुबह देखूं
नूतन वर्ष अभिनंदन
करते हैं तुहारा नमन
अतीत का घर
वर्तमान का आंगन
भविष्य के दरवाजे का स्पंदन
सुनहरे स्पर्श से करते हैं नव वर्ष अभिनंदन
नई उम्मीदें स्फूटित होंगी
आशा की नई किरण जगेंगी
आंखों में सजे सपने पूरे हों
उल्लासित विचारों से नव वर्ष भरे हों
कहता है ये मन
नूतन वर्ष अभिनंदन
करते हैं तुहारा नमन।।
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Bahut khoob 👏🏼