🌶️🌶️🥵तीखी मिर्ची(Last Part)🌶️🌶️🥵
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गतांक से आगे….✍️✍️
एक अनजानी लड़की मानसी के पास बैठ कर बातें कर रही थी। उसकी पीठ दरवाजे की तरफ थी,इसलिए उसका चेहरा पता नहीं चल रहा था। दोनों बातें करने में इतनी मशगूल थी कि मानसी तक को भी प्रिया के आने का भान नहीं रहा। जब प्रिया दोनों के सामने आ गई 🧑💼,तब मानसी की नज़र उस पे पड़ी और ऐसा लगा मानों उसकी तंद्रा टूटी हो।🙂
मानसी–अरे प्रिया! तुम आ गई। इससे मिलो,ये निशा है। सुबह में मैंने तुमसे जिस लड़की का जिक्र किया था,ये वही है और तुम्हे जानकर खुशी होगी कि यह भी दिल्ली से ही है। फिर प्रिया ने भी मुस्कुराकर निशा की तरफ देखा और हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे किया। प्रिया ने जैसे ही निशा का हाथ छुआ,वह अंदर तक हिल गई🤔।
बर्फ से भी ज्यादा ठंडा उसका हाथ था। असमंजस भरे भाव उसके चेहरे पे आने– जाने लगे। निशा की ओर सरसरी निगाह ऊपर से नीचे तक डाली । पिंक कलर के नाइट सूट में उसकी गोरी और चिकनी त्वचा बहुत प्यारी लग रही थी,पर चेहरे के भाव कुछ अलग ही बात कर रहे थे। किसी इंसान का शरीर इतना ठंडा कैसे हो सकता है,मन ही मन प्रिया कुछ सोचने लगी।
निशा–(मानसी की तरफ) चलो, मैं भी चलती हूं ,रात बहुत अधिक हो गई है। मेरे पति मेरा इंतजार कर रहे होंगे। फिर उसने मानसी से भी हाथ मिलाया ।
मानसी– निशा! कल तुम लोगों का क्या प्रोग्राम है ,मेरा मतलब है कि तुम लोग कहां घूमने जा रहे हो ?? हम लोग भी उस जगह के बारे में सोचेंगे।(मजाकिया लहजे में) डरना मत,हमलोग कबाब में हड्डी नहीं बनेंगे,कहकर मानसी खुद ही हंसने लगी।
मानसी के अंतिम वाक्य ने निशा के चेहरे पे क्रोध की लकीरें ला दीं,पर उसने अपने आप पे नियंत्रण किया। प्रिया को यह देखकर बड़ा अजीब लगा।
निशा(संदेहात्मक आवाज़ में)– चलो! मैं तुम्हें कल बताती हूं,कहती हुई प्रिया की तरफ (रहस्यभरी) मुस्कान से देखती कमरे से बाहर निकल गई।
प्रिया– मानसी! तुमने निशा की एक बात नोटिस की कि उसके हाथ कितने ठंडे थे। पर मानसी तो उसकी बात सुनकर हंसने लगी। क्या यार! तू भी तेजस बन गई है। क्या खोजने की कोशिश कर रही है? मैंने भी तो हाथ मिलाया था ,पर मुझे तो नहीं लगा।
प्रिया को मानसी का व्यवहार बड़ा अजीब लगा। फिर मानसी का वापस सिर दर्द कहकर सोने लगना भी प्रिया को खटक रहा था। (सोचते हुए) अभी तो चहक– चहक कर बातें कर रही थी,अब इसे क्या हो गया है? दोस्तों के साथ गप्पे लड़ाने में थकान महसूस होती है और यहां निशा से बात करते समय उसके चेहरे पे ताजगी आ गई ।
खैर छोड़ो,रात अधिक हो गई है,नींद भी आ रही, कहते हुए प्रिया ने कमरे का लाइट ऑफ किया और सो गई । आज होटल की दूसरी रात थी। सभी अपने-अपने कमरों में सोए थे।
वातावरण में सायं–सायं की आवाज़ अजीब सी स्थिति पैदा करती।
अचानक से ठक– ठक की आवाज तेजस के कानों में पड़ी और और वह अचानक से जाग उठा । घड़ी देखी तो रात के 2 बज रहे थे।ऐसा प्रतीत होता है कि कोई सीढियों पे तेजी से चढ़ रहा है। इतनी रात को कौन है, जो इतनी तेजी दिखा रहा है🚶🚶,कहते हुए तेजस कमरे से बाहर निकल कर देखने गया।
उसने देखा कि एक लंबा ओवरकोट पहने हुए और hat लगाए एक आदमी🕴️ऊपरी मंजिल पे चढ़ रहा था। अपने आप को इस तरह से उसने cover किया कि उसका चेहरा नजर ही नहीं आ रहा था। ऊपरी मंजिल पे जाने के लिए तेजस को पहले नीचे उतरना पड़ता,फिर रवि और विजय के कमरे वाले साइड की सीढियां चढ़नी पड़ती,क्योंकि ऊपर जाने वाली सीढियां उसी ओर थी।
नीचे उतरते हुए तेजस खीज भी रहा था और जानने की उत्कंठा भी मन में जगी थी। ओह यार! ये structuer बनाया किसने? दोनों side को मिला देता तो कौन सा पहाड़ बनाने वाले पे टूट पड़ता। तेजस दबे पांव आगे बढ़ रहा था। उस आदमी को देखकर ऐसा लगता कि वह भी तेजस के आने का इंतज़ार कर रहा हो,क्योंकि उसके चलने की स्पीड धीमी हो गई थी।
आखिर इतनी रात को ऐसे गेटअप में आखिर ये जा कहां रहा है🤔🤔,अब तो ऊपर जाकर ही पता चलेगा ,तेजस मन ही मन बड़ बड़ा भी रहा था।
क्रमश:…..✍️✍️
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