🌶️🌶️🥵तीखी मिर्ची(Last Part)🌶️🌶️🥵
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गतांक से आगे…✍️✍️
समीर अपने कमरे में पहुंचकर फ्रेश होने के लिए बाथरूम में घुस गया। जब बहुत देर हो गई और तेजस कमरे में नहीं आया तो उसे चिंता हुई। उसने अपने बाकी दोस्तों से भी फोन करके पूछा, पर किसी को पता नहीं था कि तेजस कहां है? समीर कमरे से बाहर निकलकर तेजस को पुकारने लगा।
अचानक उसे ध्यान आया कि तेजस तो नीचे हॉल में ही रुक गया था। हो ना हो, किसी से पूछताछ करने में व्यस्त होगा। अजीब आदमी है,इसे तो discovery channel पे होना चाहिए था। यहां सांस अटकी हुई है और साहब पता नहीं कहां हैं?
मैं भी कितना पागल हूं,हड़बड़ी में ध्यान ही नहीं रहा कि फोन कर लूं। अरे! रिंग तो जा रही है,पर फोन क्यों नहीं उठा रहा है तेजस ? ख़ोज भी रहा था और बड़बड़ भी किए जा रहा था समीर। आसपास देखा और ringtone की आवाज़ में बढ़ता चला गया। तभी उसकी नज़र कॉरीडोर में जमीन पे लेटे तेजस पे पड़ी।
सभी दोस्त भी नीचे आ गए थे। सब ने आवाज दी, पर तेजस नहीं उठा। फिर पानी के छींटे मारे गए, तब जाकर उसे होश आया।
समीर–तेजस! तुम यहां क्या कर रहे हो और बेहोश कैसे हो गए ?
तेजस(आंखें किसी को ढूंढती हुई)– मैं,मैं (हकलाते हुए) यहां कैसे आया और तभी कुछ देर पहले घटी घटना जेहन में आई और वह तपाक से उठकर पीछे वाली गली में जाने लगा । सभी को उसके अजीब व्यवहार पे हैरानी हो रही थी।
सबने देखा वहां एक बंद दरवाजा तो था पर ताला जड़ा हुआ था। तेजस इधर– उधर पागलों की भांति कुछ खोज रहा था पर उसे कहीं कुछ नहीं मिला। किसी के पूछने का भी कोई असर नहीं हुआ उसपे। तब रवि ने उसे झकझोरा और चिल्लाते हुए बोला कि होश में आओ तेजस। तुम क्या ढूंढने की कोशिश कर रहे हो?
तब तेजस ने अपने साथ घटी सारी घटना सुना दी। सभी को विश्वास तो नहीं हो रहा था पर तेजस की हालत देखकर सभी चुप रह गए। सब उसे सहारा देकर कमरे में ले गए। तेजस बहुत डरा हुआ था। रात से लेकर अभी तक जो भी घटना घटी,उससे उसका मानसिक संतुलन हिल गया है,ऐसा सबको लगने लगा।
समीर ने माहौल को थोड़ा शांत और हल्का किया तथा सबकी तरफ देखते हुए बोला कि इन सब बातों को किनारे करके घूमने के लिए निकलते हैं। यहां से बाहर निकलेंगे तो ही ठीक रहेगा। आपस में प्लान कर लो कि आज कहां जाना है?
सात दिन के ट्रिप को यूं जाया नहीं होने देंगे। तेजस भी धीरे-धीरे नॉर्मल होने लगा। फिर सबका एकमत यह हुआ कि आधा दिन तो निकल गया है,तो क्यों ना आस-पास ही कहीं घूमने के लिए निकला जाए और यहां रहने वाले लोगों से भी होटल के बारे में जानकारी हासिल कर लेंगे और स्थानीय जगहों पे घूमना भी हो जाएगा।
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1.मनाली की वो रातें😳😱😳😱(Part –11)
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तैयार होने के लिए जैसे ही सभी अपने-अपने कमरों में जाने के लिए उठे, दरवाजे पे एक दस्तक हुई। इस समय कौन है? अभी तक तो किसी ने हमसे बात तक नहीं की है तो फिर दरवाजा कौन खटखटा रहा है? समीर ने आगे बढ़कर दरवाजा खोला तो देखा एक लंबा, गठीला नौजवान अच्छे ड्रेसअप में खड़ा था।
समीर के सवाल पूछती आंखों को देखते हुए उसने बोला कि मेरा नाम नील है। मैं निशा का हस्बैंड हूं। उसने आप लोगों के बारे में मुझे बताया था, साथ में आपके साथ जो घटना घटी उसके बारे में भी, तो मैंने सोचा कि क्यों ना आज आपलोग को ही कंपनी दे दूं। मानसी आगे बढ़कर निशा को खोजने लगी। उसे लगा कि निशा भी साथ होगी।
नील––– निशा की तबीयत आज ठीक नहीं थी। मैं अकेला कहां घूमने जाता तो उसी ने मुझे यहां भेजा है। क्या मैं अंदर आकर बात कर सकता हूं।
समीर(झेंपते हुए)–अरे! हां,हां,आइए मैं भी दरवाजे पे ही खड़े होकर आपसे परिचय लेने लगा। फिर अपने दोस्तों का परिचय करवाया समीर ने। हमलोग सात दिन के ट्रिप में यहां घूमने के लिए आए हैं,पर कुछ तो है यहां, जो दिखाई तो नहीं देता,पर महसूस जरूर हो रहा है।
नील (हंसते हुए)–क्या आपलोग भी! आज के जमाने के होकर भी ऐसी बातों पे भरोसा करते हैं। उसकी बातों को बीच में काटते हुए प्रिया ने उल्टा सवाल दागते हुए नील से कहा कि आपके गले में ये लंबा सा निशान कैसा है,मानों किसी ने आपका गला काटने की कोशिश की हो।
प्रिया की बातों को सुनकर सभी का ध्यान नील के गले की तरफ चला गया। सचमुच ऐसा लग रहा था कि उसका गला काटा गया हो।
नील(छुपाते हुए) –अरे! ये निशान तो गले की चेन से बन गए हैं। अब इसको भी अपने साथ घटने वाली घटनाओं से जोड़ मत लेना,कहते हुए रहस्मयी हंसी हंसने लगा वो।
क्रमश……✍️✍️
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