मनाली की वो रातें😳😱😳😱(Part –3)
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25 मई को अमेरिका में दो श्वेत पुलिसकर्मी ने एक ब्लैक नागरिक को पकड़कर उसे बेरहम तरीके से मार दिया,जिसके कारण पूरे देश में हिंसा का माहौल बन गया है।चारों तरफ विरोध- प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिका की ये खबरें कोई नई नहीं है। वहां पहले भी श्वेत और अश्वेत के बीच विभेद होते रही है। नस्लवाद के मामले में अमेरिका ने हमेशा पूरी दुनिया को हिंसा का निर्यात किया है।
ग्लोबलाइजेशन के दौर में जब एक देश में कुछ वारदातें होती हैं तो अन्य देश के बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज भी इस मामले में अपने- अपने विचार व्यक्त करते हैं। वैसे यह कोई गलत बात नहीं समझनी चाहिए। अपनी बातों को सामने रखने में कोई बुराई नहीं है। बुराई तो तब हो जाती है जब अपने ही देश के आंतरिक मामले नजर नहीं आते हैं या सब कुछ देख कर भी हम खामोश रहते हैं।
अब बात को घुमा- फिरा कर कहने की बजाय सीधे मुद्दों पर आते हैं। किसी व्यक्ति को इतनी बर्बरता से मार दिया जाना एक गंभीर चिंता का विषय है। इसको लेकर दूसरे देशों में भी इसके खिलाफ विरोध हो रहे हैं। हमारे बॉलीवुड सेलिब्रेटीज ने भी सोशल मीडिया पर अपना विरोध दर्ज किया है। किसी ने Instagram पर लिखा है तो किसी ने Twitter को अपने विरोध का माध्यम बनाया है। पर ज्वलंत प्रश्न यह है कि ये कलाकार इतना selective कैसे हो सकते हैं? क्यों अपने देश की आंतरिक कलह और समस्याओं पर ये लोग चुप्पी साध लेते हैं? यहां पे सभी सेलिब्रेटीज की बात नहीं हो रही है।पर कुछेक ने तो अपने विचार रखे ही हैं।
कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के पालघर में 2 साधुओं की निर्मम हत्या कर दी गई, हजारों की तादाद में अप्रवासी मजदूर पलायन कर रहे हैं, J N U, शाहीन बाग दिल्ली दंगों के जैसे कितने मामले हैं जो उन कलाकारों से अछूते रह जाते हैं।क्यूं अपने देश में हो रही हिंसा इन्हें दिखाई नहीं देती?जॉर्ज फ्लायड वाले मुद्दे पर उन्होंने कहा है कि “सभी रंग सुंदर होते हैं सभी का सम्मान करना चाहिए“। क्या यहां पर यह सवाल नहीं उठाया जा सकता है कि क्या अपने देश में नस्लवाद नहीं है? क्या यहां पर गोरे- काले का अंतर नहीं किया जाता है? क्या सुंदरता का मापदंड गोरा होना नहीं है? ये जो हमारे विज्ञापन आते हैं फेयरनेस क्रीम के,वे क्या हैं?क्या उन विज्ञापनों के सहारे हम काली त्वचा पर अप्रत्यक्ष रूप से फब्तियां नहीं कस रहे हैं?खुद बॉलीवुड में ही देख लीजिए,क्या यहां पे काले – गोरे का भेदभाव नहीं है? जब अपने ही देश में नस्लवाद है,तो फिर दूसरे देश के बारे में क्या कहें?
क्यों अपने देश में हो रहे गलत बातों पे ये सभी लोग आगे नहीं आते? अपने देश में चल रही गंभीर समस्याओं के बारे में चर्चा करके उनका समर्थन कीजिए। आप सब सेलिब्रिटीज हैं। आपके हरेक कदम पर पूरे देश की नजर रहती है और आप लोगों से ये अपेक्षा भी की जाती है कि देश की समस्याओं के बारे में भी tweet करें। पर पिछले दिनों देश के कई मुद्दों पर ना इसतरह की कोई आवाज उठाई गई और ना ही कोई राय रखी गई। ऐसे में बॉलीवुड भी देश के कई मामलों में खेमे में बंटा नजर आता है।
उन सभी सेलिब्रिटीज के लिए जो सोशल मीडिया पर #BLACK_LIVES_MATTER हैशटैग का इस्तेमाल कर रहे है पर भारतीयों के लिए नही ट्वीट कर सकते हैं। क्यों देश के दंगे, मासूमों की हत्या, औरतों पर अत्याचार,नागरिकता कानून, मुसलमान विरोधी घटनाएं इनसे अनछुए हो जाती हैं? क्यों इन सब घटनाओं के लिए कोई हैशटैग इस्तेमाल नहीं होता है? आप हजारो मील दूर अमेरिका में चल रहे मामले को लेकर ट्वीट करते हैं,पर स्थानीय मुद्दों पर कोई आवाज नहीं उठती।
यहां मेरे लिखने की मुख्य वजह यह नहीं है कि इन्होंने अमेरिका में चल रहे मामलों पर लिखा ।कहीं भी अन्याय होता है,तो उसके विरोध में हर जगह बातें होती रहती हैं।पर मुख्य बात यह है कि अपने देश पर भी नजर होनी चाहिए। यहां की समस्याएं भी आपके लिए महत्व रखती हैं। एक तरफ आप गोरे – काले के बीच समानता की बात करते हैं तो दूसरी तरफ गोरा करने वाली क्रीम के विज्ञापनों में भी नजर आते हैं। यह कैसी हास्यास्पद बात है?
बात यहीं पर खत्म नहीं होती है। जरा अपने देश के नस्लवादी विचारों पर भी गौर फरमाते हैं। क्या हमारे देश में भी गोरे – काले का अंतर नहीं रखा जाता है? नाइजीरिया, अफ्रीका से आए हुए लोगों के साथ हमारे देश में भी रंग को लेकर विभेद होते रहते हैं।इन विदेशियों को छोड़िए,खुद अपने ही लोगों के बीच में यह सुंदरता का मानक तैयार किया गया है कि अगर आप गोरी नहीं हैं ,तो सुंदर नहीं है। और इन सबमें आपके विज्ञापन, ब्यूटी मैगजींस,टीवी सीरियल,फिल्में,हर समय कहते रहते हैं कि आप पर्याप्त सुंदर नहीं हैं।
भारत में भी नस्लवाद कोई नई चीज नहीं है।पुरानेकाल से यह विचार भारतीय समाज में छाया हुआ है।क्या यह रोग समाज में आज भी मौजूद नहीं है? यह प्रश्न जरा अपने आप से भी पूछ कर देखें?
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Bilkul sahi kaha…ye aaj se nahi balki sadiyon se hamare desh mein bhi hota aaya hai….aasani se nahi badlega lekin badalna parega…🤔🤔