मनाली की वो रातें😳😱😳😱(Part –3)
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😒😒 उफ़! ये क्या हो रहा है देश में?हर दिन कोई – ना -कोई दुखद घटनाएं जरूर सुनने को मिल जाती हैं। आत्महत्याओं की संख्या इस कदर बढ़ रही है कि पूछो मत।14जून को फिर से suicide case।इतनी हताशा,इतना अवसाद जीवन में भर गया है कि इसे समाप्त करने का सबसे आसान रास्ता अख्तियार कर लेते हैं।यहां मैं सुशांत सिंह राजपूत की बात कर रही हूं।अचानक इनकी मौत की खबर ने सभी को अचंभे में डाल दिया।विश्वास ही नहीं होता कि जो इंसान अपने पिक्चर छिछोरे में अपने depressed बेटे को सुसाइड attempt करने के बाद यह सीख दे रहा था कि जिंदगी अनमोल है,हारने का नाम नहीं है ।वहीं एक्टर आज खुद ही depressed होकर मौत के आगोश में चला गया।
वजह चाहे जो हो ,पर अपनी समस्याओं से यूं भागना कहां तक सही है?अब किसी की निजी जिंदगी में क्या घट रहा है,इसकी थाह तो नहीं लग सकती।लोग तो सवाल करेंगे ही। अगर आप सेलिब्रेटीज हैं तो आपसे अपेक्षाएं भी बढ़ जाती है।आपका यूं जिंदगी से हारना आपके फैंस को सालता रहता है।फैंस को छोड़िए,सुसाइड करने वाले के परिवार पर क्या गुजरती होगी,कभी सोचते भी हैं या नहीं —- पता नहीं।
खैर छोड़िए,इस lock down के 70दिनों में कई actors ने मौत को गले लगाया।कोई टूटे हुए सपनों से परेशान था,तो कोई तंगहाली के चलते जिंदगी की जंग हार गया।
इस भागती जिंदगी में लोगों के पास अपने आप तक के लिए भी फुर्सत नहीं है।कोई पैसे के पीछे भागता है,तो कोई अपनी शोहरत को पाने में एड़ी- चोटी का जोर लगाता है।आज का युग competition का है।जो आगे निकल गया,वह बढ़ गया।जो पीछे छूट गया,उसे दुःख तो बहुत होता है और यही दुःख कितनों को अवसाद ग्रस्त कर देता है।कितनी ही तरह की परेशानियां होती है लोगों के जीवन में,लेकिन इसका ये समाधान निकालना बिल्कुल ही ठीक बात नहीं है।
Bollywood की दुनिया चमकती दुनिया है।यहां जो दिखता है,वो होता नहीं है।पर्दे पर हमेशा हंसते – मुस्कराते चेहरे के पीछे कौन सा दर्द छुपा बैठा है,कुछ कहा नहीं जा सकता।चाहे वो सुशांत सिंह हों या प्रत्यूषा बनर्जी ,कौशल पंजाबी ,प्रेक्षा मेहता जैसे सितारे।इन सब के जीवन में क्या – क्या चलता रहता है,किसे क्या खबर होती होगी।अचानक से मिलने वाली खबर से ऐसे लोगों के जीवन की परत दर परत खुलने लगती है।वो भी आधा – अधूरा।
बॉलीवुड में ऐसी कितनीआत्महत्याएं हुई हैं,कह नहीं सकते।और ये आज की ही बात नहीं है।पहले के दशकों में भी suicide case आते रहते थे।इनकी दुनिया होती भी हैं जटिल ही ना।कोई संभालता है तो कोई परिस्थितियों के आगे झुक जाता है।कुछ दिन तक चर्चा चलती है।जैसे – जैसे समय बीतता है,case भी बंद हो जाते हैं।फिर इनका suicide करना भी एक mystery ही बनकर रह जाता है।क्योंकि case के अंदर जाने में कई राज खुलने का भी डर रहता है।तभी तो जितने भी suicide case हैं ,सभी मिस्ट्री ही हैं।कुछेक को छोड़कर सभी फाइलों में दर्ज हैं।सीधा सा फंडा लगता है कि जरूर depressed होगा,तभी तो suicide किया।पर ये लोग अपनी जिंदगी में क्या झेलते हैं,कुछ पता नहीं होता।पर्दे पर हर मुश्किल से जूझने और जिंदगी का फलसफा सिखाने वाले ये कलाकार असल जिंदगी में परेशानियों के आगे झुक जाते हैं।
ये तो हो गई बॉलीवुड की बात, जरा देश में और सुसाइड case की ओर ध्यान देते हैं।देश में हर 4मिनट में कोई एक अपनी जान दे देता है और ऐसा करने वाले तीन लोगों में से एक युवा होता है।आज हमारी युवा पीढ़ी को सफलता और शोहरत इतने कम समय में चाहिए कि उसे पाने में अगर जहां कोई परेशानी होती है तो ये लोग हताश हो जाते हैं ।किसी को परीक्षा में फेल होने का दुख होता है,तो किसी को पैसे की तंगी होती है।कोई पारिवारिक समस्याओं से त्रस्त होकर आत्महत्या कर लेता है तो कोई प्रेम – पाश में फंसकर।suicide करने के लिए बस इनको वजह मिल जाए,फिर जिंदगी खत्म करना इनके लिए बाएं हाथ का खेल हो जाता है।
सेलिब्रेटीज की आत्महत्याएं सुर्खियों में आ जाती हैं, वही देश में होने वाली अन्य आत्महत्याएं गिनती में भी नहीं आ पाती हैं। पर यहां पर यह कहना बिल्कुल सही होगा कि बॉलीवुड में सभी लोगों के सुसाइड केस सुर्खी नहीं बन पाते हैं। वैसे भी यह चमकती दुनिया है। चकाचौंध और ग्लैमरस यहां के आभूषण है। यहां उगते हुए सूरज को सलाम किया जाता है,पर डूबते हुए को कोई नहीं पूछता।
अब जरा इस ग्लैमरस दुनिया में अंदर झांकते हैं।यहां की सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि फिल्म इंडस्ट्री के वैसे कलाकार जिन्होंने अपना सारा जीवन इस इंडस्ट्री को दे दिया, काम नहीं रहने पर ये लोग कहां हैं, किस हालत में है कोई खबर नहीं होती है। अचानक से पता चलता है कि उसने सुसाइड कर लिया या घिसट- घिसट कर मर गया। ऐसे कितने सारे सुसाइड केस हैं जो mystery ही बन कर रह जाते हैं चाहे वह गुरुदत्त का मामला हो या प्रत्यूषा बनर्जी का केस। परवीन बॉबी 56 साल की उम्र में अपने घर में मृत पाई गई। एक कड़वा सच ही है कि जिस परवीन बॉबी के घर के सामने प्रोड्यूसरों की कतार बैठी रहती थी,उसी परवीन बॉबी के आखिरी दिनों में सबने उन्हें भुला दिया था।ऐसे कितने सारे स्टार्स हैं, जो अचानक से इंडस्ट्री से गायब हो जाते हैं और किसी को कुछ पता नहीं होता। ना जाने कितने cases हैं जिनकी सच्चाई फाइलों में कैद होकर रह गई है। इससे तो यही मतलब निकाला जाएगा ना कि जब तक वे लोग जिंदा हैं, लाइमलाइट में हैं, उनकी पूछ है। मरने के बाद इनकी फाइलों को भी बंद कर दिया जाता है। कोई भी सच्चाई उजागर नहीं करना चाहता है अन्यथा बहुतों के राज खुल जाएंगे।
सुशांत सिंह राजपूत के साथ भी यही होगा।कुछ दिन तक investigation चलेगा, कई आवाजें उठेंगी, तो कई कयास लगाए जाएंगे। फाइलें दर्ज होगी, फिर बात वहीं पर अटक कर एक mystery बन जाएगी।
लेकिन एक सच्चाई यह भी तो है कि ऐसे- ऐसे कितने सारे सुसाइड होते हैं जो गिनती से बाहर के हैं। अपनी परेशानियों से भागकर ये लोग इस तरह के कदम तो उठा लेते हैं पर इस भागते बॉलीवुड में किस-किस पर नजर रखी जाएगी। हजारों लोग आते-जाते रहते हैं। कोई अपने दम पर जगह बनाता है तो कोई किसी के सहारे। यहां किसी के पास किसी के लिए समय नहीं है तो फिर मरने के बाद इनकी सच्चाई जानने का किसके पास समय होगा? मूल तथ्य तो यह है कि सभी अपनी- अपनी परेशानियों से घिरे बैठे हैं। उतार-चढ़ाव सभी के जीवन में चलता रहता है। यह बॉलीवुड है, स्टारडम ही इसकी पहचान है। जो इसमें खो गया,सो खो गया। जो मजबूती से बैठा है, उसका किस्सा ही आगे चलेगा।
पता नहीं आगे और कितने सारे मामले आएंगे,ये तो भविष्य में छुपा है क्योंकि आजकल लोग विशेषकर महानगरों में इतने depressed हो रहे हैं कि सबसे आसान रास्ता suicide का ही अख्तियार कर लेते हैं। काश लोगों को अपनी जिंदगी से प्यार हो और अपनी परेशानियों का डटकर सामना करें।
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Bilkul sahi….Suicide is not the solution. Everyone is facing problem but the fact is to take the right decision and strongly face the situation. Need to act smart and win the fight against any kind of bad situation.
Sach me suicide solution nhi hai…problem ko face krna chaiye….👌👌👌👌👌👌