मनाली की वो रातें😳😱😳😱(Part –3)
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Dedicated to All Mothers
मां अगर तू ना होती तो दुनिया में मुझे लाता कौन
जीवन की पहली पाठशाला तुम,मेरी पहचान बनाता कौन
स्पंदन की घड़ियां जो मेरे अंदर चल रही है
तुम्हारे रक्त से ही मेरी सांसे बढ़ रही है
मेरी ही नींद सोना,मेरी ही नींद जगना
मेरी एक आवाज़ से झट से अपनी आंखें खोल देना
मुझे सूखे पे रखकर खुद गीले पर सोती है
मेरी नादानियां माफ़ करने वाली एक तू ही तो होती है
मेरी हर नाज़ – नखरे सहना, मुंह फुलाकर यूं बैठ जाना
मुझे मनाने की तेरी वो सारी कोशिशों का याद आना
बचपन की बातें मुठ्ठी में बंद पड़े रेत की तरह फिसल जाती हैं
जब तेरी वो मीठी झिड़कियां सुनने को नहीं मिलती है
खुद भूखे रहकर मेरे स्वाद का ध्यान रखती है
एक तू ही है जो मुझसे खफा नहीं होती है
एक हाथ से प्यार की थपकी तो दूसरे से पुचकारती है
सन्तानों को पालने में अपना पूरा जीवन लगाती है
हर जगह भगवान नहीं होते, इसलिए उन्होंने मां को भेजा
बिन मां के बच्चों से पूछो, किस्मत ने क्या दी है उन्हें सजा
खुद दर्द सहकर भी अपने बच्चे का दर्द हरती है
एक मां ही तो है, जिसके मुंह से हमेशा दुआ निकलती है
याद आते हैं वो बचपन के मीठे पल
तेरा यूं लाड़ लगाना ,फटकारना सब बन गए हैं बीते हुए कल
बचपन की बातें जाने कहां खो गईं
तेरी थपकियां भी बस याद बन गईं
हर पल तुझे सामने मैं पाती हूं
कितने भी रिश्ते में बंध जाऊं, याद तुझे ही करती हूं
बेटियां तो ऐसे भी मां के करीब होती हैं
मां बनकर ही जाना मां की खुशी क्या होती है
अपनी बेटी की खुशी में तुम्हारी खुशी नजर आती है
हर परेशानियों में नज़रें तुम्हें ही ढूंढती है
चाहे कितनी बड़ी हो जाऊं ,तेरा ही आंचल पाऊं
हर दर्द कम हो जाए ,जब आशीष तेरा पाऊं
याद आते रहते हैं वो भूले – बिसरे दिन
जब हमारी परेशानियों से छीन जाते थे तुम्हारे चैन
समय के थपेड़ों से थककर एकांत में जब बैठती हूं
सच कहूं मां तेरी याद में दो आंसू भी बहा लेती हूं
वो गोद तेरा,डांटना तेरा,फिर डांट के मनाना तेरा
मां अगर तू ना होती तो बिखर जाता बचपन मेरा
बचपन में सोचती थी,कैसे रह पाऊंगी तेरे बिन
आज कितने दिन बीत जाते हैं तुम्हें देखे बिन
फिर भी ये जरूर कहना चाहूंगी
अगर तू ना होती तो मुझे अपनों से मिलवाता कौन
सही –गलत की पहचान कराता कौन
मां के प्यार की कीमत कभी अदा नहीं होती
मैं भी आज यहां नहीं होती,मां अगर तू ना होती।।
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Jo bana de sare bigre kaam ,maa ke charno me hai charo dhaam……
Wah bahut khub👏👏👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼
God can’t be everywhere so he made a pious soul “MOTHER”..
Awesome writing Mrs. Sinha.
Kya likha hai aapne….priceless love between mother and child…