मनाली की वो रातें😳😱😳😱(Part –3)
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दुनिया की सभी महिलाओं को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🌸🌸🌸।
पर कुछ अनकही बातें मन में चल रही हैं।क्या एक दिन औरतों को dedicate करके उन खबरों को कैसे ढंक सकते हैं,जब हर दिन औरतों के अस्मत बर्बाद होने की खबर अखबार की सुर्खियां बनती हैं।ये सही है कि सदियों से पैरों में लगी बेड़ियां टूटने लगी हैं।रोशनदान से आजादी की रोशनी औरतों के लिए भी तैरने लगी हैं।पर एक सवाल–कठघरे में क्यों औरतें ही खड़ी होती हैं?अपेक्षाओं का ठीकरा क्यों यही उठाती रहें?हमारे लिए केवल एक दिन नही बल्कि हरेक क्षण हमारी इज्जत के लिए होनी चाहिए।अनकहे सवाल हर समय हमसे जवाब मांगते हैं? दुनिया की आधी आबादी हमसे ही है।फिर भी हर औरतों की आंखों में प्रश्न चिन्ह क्यों है???आखिर क्यों?
फिर भी चलो,महिला दिवस का उत्सव मनाते हैं।एक दिन हम औरतों के नाम।
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👌👌