🌶️🌶️🥵तीखी मिर्ची(Part –9)🌶️🌶️🥵

                           आसरा उफ़ ! कितनी भयानक रात है, आसमान में रहकर बिजली🌧️⛈️ ऐसी कड़क रही थी मानों जमीन को निगल ही लेगी। पता नहीं सेवकराम ने खिड़कियां बंद की है या यूं ही खुली छोड़ दी। जरा जायजा ले लेती हूं, साथ में देख भी लूंगी कि बच्चे सोए हैं या नहीं। तबीयत भी थोड़ी ठीक नहीं लग रही है,कराहते […]

🌶️🌶️🥵तीखी मिर्ची(Part –7)🌶️🌶️🥵

                        Outsider बालकनी में कुर्सी पे बैठ के बारिश के मौसम🌧️⛈️ का मजा लेना कितना सुखद लगता है। उसके साथ चाय पकौड़े 🍱🫖की मिलीभगत हो जाए तो सोने पे सुहागा वाली बात हो जाती है। अरे नीलिमा! जरा पकौड़े और थोड़ा कुरकुरे करो, मैंने अपनी पत्नी को आवाज देकर यह बात कही। ऊपर का आवरण थोड़ा कड़ा हो जाता है,तो […]

🌶️🌶️🥵तीखी मिर्ची(Part – 5)🌶️🌶️🥵

                    हताशा तंग 🙍आ गई हूं मैं रोज-रोज के प्रदर्शन से, झल्लाते हुए सृष्टि अपने कमरे की ओर भागी और खीझ में अपने गहने, दुप्पट्टे उतारने लगी । आखिर खीझ तो होगा ही ना, जब उसे यह कहा जाए कि कठपुतली की तरह सज– धज कर आओ और लड़के वालों के सामने अपनी सुंदरता, बुद्धिमता का परिचय दो। मानों उसकी […]

🌶️🌶️🥵तीखी मिर्ची(Part –3)🌶️🌶️🥵

                           मूक दोपहर का समय ही होता है , जब गृहणियां अपने लिए थोड़ा वक्त निकालती हैं। अपने लिए का मतलब वो समय खुद के लिए जीना चाहती हैं।अपने शौक या कोई दबी इच्छा जिसे पूरा करना चाहती थी पर परिवार द्वारा लगाए गए बंधन और उसके जिम्मेवारीयों के समक्ष मन मसोसकर रह जाना पड़ा।           वरना सुबह से जो भागदौड़💁 […]

🌶️🌶️🥵तीखी मिर्ची(Part –2)🌶️🌶️🥵

                        उछाल अरे सावरकर ! आज का अखबार पढ़ा क्या, यह कहते हुए शांतनु धड़ाधड़ अखबार को पकड़े कमरे में घुस गया। दाखिल होते सावरकर ने उसे देखा जरूर,पर कंधे उचका कर🙇 इस तरह से उसके बात की अवहेलना कर दी🙆, मानों देश में घट रही घटनाओं से उसे अब कोई सरोकार ही नहीं रहा। मन ही मन बड़बड़ा भी […]

🌶️🌶️🥵तीखी मिर्ची(Part –1)🌶️🌶️🥵

                            आस मास्टर दीनानाथ एक हाथ में सब्जी की थैली और दूसरे हाथ में लकड़ी का सोटा पकड़े घर की ओर बढ़ रहे थे। आधे से भी ज्यादा जीवन इनका चॉक और खड़िया के बीच में ही गुजर गया। अपनी रोजी– रोटी वो इन्हीं से चलाते। बेटे बड़े होकर शहर बसते गए। कभी इन शिक्षक की ना अहमियत समझी और […]

मनाली की वो रातें😳😱😳😱(Last Part –21)

गतांक से आगे……✍️✍️              नील की कहानी आगे बढ़ने लगी। मैं दो दिन के लिए किसी काम से बाहर गया हुआ था वापस लौटा तो आंचल मुझे कहीं नजर नहीं आई। वहां से जब निकला था तो मेरी आंचल से बात हुई थी । उस समय उसकी आवाज थोड़ी टेंशन भरी थी। मैंने पूछा भी ,पर वह बात टाल गई  और […]

मनाली की वो रातें😳😱😳😱(Part –19)

गतांक से आगे……✍️✍️                रघुवीर जी– चूंकि मैं काम करता था वहां, इसलिए मेरा आना– जाना हमेशा रहता ही। कुछ दिन से नील बहुत स्ट्रेस में था। वैसे तो वह हर बात मेरे से शेयर करता पर पता नहीं क्यों वह मेरे से खींचा– खींचा सा रहने लगा। मैंने अपनी जिंदगी में बहुत गम खाए थे , बहुत मुश्किल से परिवार […]

मनाली की वो रातें😳😱😳😱(Part –18)

गतांक से आगे……✍️✍️               रघुवीर जी– तुमलोग के सारे सवाल यहीं मौजूद हैं। तुम लोग जिस होटल में ठहरे हो उसका मालिक वह बच्चा ही तो था।  हम दोनों के संबंध इतने प्रगाढ़ हो गए कि धीरे–धीरे एक तरह से समझो, वो मेरे बुढ़ापे का सहारा बनते जा रहा था। फिर रघुवीर सहाय बोलते– बोलते एकाएक चुप हो गए। कमरे में […]

मनाली की वो रातें😳😱😳😱(Part –13)

गतांक से आगे……✍️✍️          नील के गले के निशान के होने के कारण को सभी पचा नहीं पा रहे थे कि उसने द्विअर्थी बात करके हरेक को सोचने पे मजबूर कर दिया।   नील–जो थोड़े से दिन बचे हैं आप लोगों के, उसे अच्छी तरह से जीना चाहिए। नील की इस बात से सभी चौंके।नील– अरे, अरे! मेरा कहने का मतलब यह […]