आसिफ़ मियाँ की आँखों से बहती अविरल आंसू की धाराएं इस बात को चीख -चीख कर कह रही हैं कि कोई गहरी बात उनके दिल को साल रही थी | लाहौर में उनका अपना घर […]
आसिफ़ मियाँ की आँखों से बहती अविरल आंसू की धाराएं इस बात को चीख -चीख कर कह रही हैं कि कोई गहरी बात उनके दिल को साल रही थी | लाहौर में उनका अपना घर […]
शाम के धुंधलके में कबीर थका -माँदा घर आया | घर आकर देखा तो उसकी दादी अपने कंपकंपाते हाथों से रोटी सेंक रही थी | जैसे ही दादी की नज़र कबीर पर गई ,तुरंत उठकर अपने आँचल से कबीर के माथे पर आए पसीने को पोंछने लगी | […]
बच्चे की प्रथम पाठशाला उसके स्वयं का घर ,उसके माता -पिता होते हैं | उसके बाद जब वह घर से निकलता है तो शिक्षा का केंद्र स्कूल बन जाते हैं | सीखने की पहली सीढी -“स्कूल “| पहले जमाने में इसे पाठशाला बोलते थे | पाठ + शाला =पढ़ने का घर | वैसे इसे आज भी पाठशाला बोल सकते हैं […]
दोस्तों , आज मेरा मन कहानी लिखने को कर रहा है ,जो मैं आप सब के सामने प्रस्तुत करना चाहती हूँ इस उम्मीद के साथ कि शायद ये कहानी आप सब को पसंद आए | […]
पवित्र संयोग 15 . 8 . 19 ——–ठीक एक साल पहले मैंने अपना पहला ब्लॉग लिखा था | मेरे ब्लॉग का पहला आधार रक्षाबंधन था | भाई -बहनों का पर्व ——सबसे पवित्र रिश्ता | […]
महानगरों में ज़िंदगी के भी कितने अलग -अलग रंग नज़र आते हैं | कोई ऊँची -ऊँची अट्टालिकाओं में रहता है ,तो किसी के घर एक -दो मंजिला होते हैं | कोई बस्ती में रहता है तो किसी के पास घर ही नहीं होता है | यहाँ मैं बात […]
“माँ “एक ऐसा शब्द है ,जिसमे पूरी दुनिया समाहित है | कहा जाता है कि भगवान् हर किसी के साथ हर समय नहीं रह सकते | इसीलिए उन्होंने “माँ ” को भेजा| ये वो बगिया है ,जिसके गोद में जाने कितने फूल खिलते हैं | […]
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