ज़िंदगी कितनी अजीब

भागदौड़ की ज़िंदगी कितनी अजीब है, ना साँस लेने की फुरसत, हर कुछ बेतरतीब है, अहले सुबह ही जिंदगी की आपाधापी, सड़कों पर गाड़ियों का दौड़ना ,वहीँ फुटपाथ पर लोगों की ताँका -झांकी, किसी को ऑफिस जाने की तो किसी को कॉलेज की जल्दी, तभी गाडी का हॉर्न बजाते बच्चों की स्कूल बस चल दी, पास ही में कोई बैग लेकर […]

बलात्कार – “एक अनचाहा दंश “

                              देश की राजधानी दिल्ली सन्न 2012 मानवता का ऐसा विभत्सय चेहरा देखने को मिला ,जो रोंगटे खड़े कर देने वाली थी | gang-rape का ऐसा नंगा नाच महानगर की सड़कों पर हुआ ,जिसने देश को शर्मसार कर दिया | जो सुनता उसी की आँखों में […]