कलंकिनी

 शहर की बाहरी सीमा से सटा हुआ था वो विधवाश्रम,जहां के नए इंचार्ज बनकर आए थे विनय बाबू।अपने जीवन की एक महत्वपूर्ण तलाश का ये अंतिम पड़ाव शायद यही हो,यही सोच मन में रखकर शहर के सारे विधवाश्रमो को खंगाल डाला और अपना तबादला करवाते रहे।बड़े – बड़े ओहदों को ठुकराकर विधवा आश्रम की खाक छानने में पता नहीं क्यूं […]

सोच

अपने हालात के बारे में,कुछ सोच रही थी मैं समंदर के किनारे में,एक तेज लहर का झोंका आया,पानी की फुहारों ने भी मेरे गालों को नहीं सहलाया, मेरी उदासी अब मायूसी मे बदलती जा रही थी,मेरी बेबसी भी मेरा मज़ाक उड़ा रही थी,आंखों के आंसू भी फुहारों में छिप गए थे,नजरें भी दूर किसी के इन्तज़ार में खो गए थे, […]

थक गया हूं मैं

थक गया हूं मैं, हाँ! थक गया हूं मैं,केवल एक सुकून की तलाश मेंकहां से चला था और आज कहां हूं मैं,मुझे तो यह भी पता नहीं किजिंदगी मुझे ले जा रही है कहाँ, थक गया हूं मैं, हाँ! थक गया हूं मैं,हर गम समेटे अपने में, सभी की खुशी के लिएजिंदा हूँ मैं केवल अपनों की हंसी के लिए,हर […]

24*7⏳🕛⏳🕛

      सोफे पे बैठी       यूं पैरों को समेटे        जाने क्या सोच रही है    जिंदगी की उलझन को    शायद सुलझाने की कोशिश हो रही है    हां! मैं हूं एक House wife      24*7 चलती है जिसकी life        कामों का सिलसिला रुकता नहीं       सुकुनियत […]