भाग्य का खेल(Part–2)

गतांक से आगे………. सुषमा की शादी के बाद राजवीर बहुत मायूस रहने लगा था। पर जिंदगी तो यहीं पर खत्म नहीं होती है। अपने आप को व्यस्त रखने के लिए वह एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगा। घर के खर्चे चलाने भी जरूरी थे।पिताजी इस दुनिया में नहीं रहे। परिवार में मां और एक छोटी बहन थी।                          मां कहते– […]

भाग्य का खेल(Part–1)

रात के सन्नाटे को चीरते हुए सुषमा के कदम बदहवास से बढ़ते ही जा रहे थे। अभी बस कुछ दिन पहले ही तो उसकी शादी हुई थी और आज मेंहदी का रंग भी नहीं छूटा पर ससुराल से भागना पड़ गया उसे। बार-बार पीछे मुड़कर देखती, मानो कोई उसका पीछा कर रहा हो। चेहरे पर डर का साया फैला हुआ […]

जज़्बात

अनकही बातेंमन में है घुमड़तेमेरे जज़्बातकर रहे थे आपस में बातप्लस– माइनस,नफा– नुकसानरहते हैं जिंदगी भर परेशानजो आज हम हैं करतेकल उसी को तो हैं भरतेआते– जाते कहीं पे अटकीतभी एक बूढ़ी औरत को देख ठिठकीठक– ठक करती लाठी उनकीकमर भी थोड़ी झुकी– झुकीएक कदम चलती, दूसरे कदम बैठतीउम्र की ढलान ऐसी ही है होतीपड़ोस के मकान में थी रहतींआते– […]