🪑खिड़की से सटी मेरी मेज़ और वहीं पास में बैठी मै कुर्सी पे, बार– बार हाथ कलम📝 को पकड़े कागज़ पे टिकाती,थोड़ी– सी लिखती,फिर बंडल बनाकर उस कागज़ को पास में ही पड़ी कूड़े की बाल्टी🗑️📃 में डाल देती। कुछ नया लिखने की कोशिश में दिमाग को समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या लिखूं🥴                      अपने पाठकों के मन को […]